25 years Political History of Amritsar: कैप्टन अमरिंदर, नवजोत सिद्धू समेत कई अग्रणी’ का गढ़ रहा है, यह है 25 सालों का राजनीति इतिहास अमृतसर का
25 years Political History of Amritsar: इस तालिका में नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर भी शामिल हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी टिकट पर चुनाव लडने वाले है अरुण जेटली यहां से जीतकर कैबिनेट में कोई बड़ा परम पद, लेंगे लेकिन ऐसा हो सका। वह यह चुनाव हार गए थे।चंडीगढ़ पंजाब में अमृतसर लोकसभा सीट का अजब ही मेल, है। पिछले दो लोकसभा चुनाव को देखे तो यहां से विजय प्राप्त विपक्ष में बैठता है और पराजय वाला केंद्र में मंत्री बन जाता है।
वर्ष 2014 में जब पूरे देश में
जब बीजेपी को जीत मिली साफ नजर आ रही थी तो यह स्थिर माना जा रहा था कि अमृतसर से बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अरुण जेटली यहां से जीतकर कैबिनेट में कोई बड़ा पद पर बठेगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ था।वह कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए। यहां तक कि हार के बाद भी वह केंद्रीय वित्त मंत्री बनाया गए और जीत दर्ज करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह संसद में विपक्षी सीट पर बैठे। यह बीजेपी के लिए किसी बड़ी हार से कम नहीं था, क्योंकि अरुण जेटली बड़े श्रेष्ठ कद के नेता माने जाते थे।
इतिहास 2019 में भी दोहराया गया था 25 years Political History of Amritsar
उन्हें जीत दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भी जनयात्रा की थी, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अपना पटियाला इलाका छोड़कर पार्टी प्रधान सोनिया गांधी के कहने पर अमृतसर गए, बहुत ज्यादा मतों से चुनाव जीते थे। 2019 में भी यही इतिहास पुनरावलोकन होगया था। भाजपा ने एक बार फिर से वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट और शहरी सिख चेहरे के रूप में हरदीप पुरी को अमृतसर से चुनाव मैदान में उतारा दिया था, फिर भी वह भी चुनाव हार गए।
क्रिकेटर से राजनेता बने पहली बार नवजोत सिद्धू उतरे 25 years Political History of Amritsar
पुरी भी हार के फिर भी केंद्र सरकार में शहराती उड़ना और शिलारस मंत्री बनाए गए थें। सोचने वाली बात तो यह है कि अगर पिछले 25 सालों का चुनावी पूर्वकथा देखा जाए तो गुरु की नगरी से चुनाव जीतने वाला अभी भी बिरोद में बैठा हुए है।
साल 2004 तक अमृतसर सीट पर एकछत्र राज करने वाले रघुनंदन लाल भाटिया को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार क्रिकेटर से राजनेता बनाकर नवजोत सिद्धू को उतारा। 2004 तक अमृतसर सीट पर लगातार राज करने वाले रघुनंदन लाल भाटिया को हर देने के लिए बीजेपी से नवजोत सिद्धू पहली बार क्रिकेटर से राजनेता बनाकर उतरे थे।
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