Decreased Prices of Petrol and Diesel: लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने घटाए पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें कितना हुआ दाम

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Decreased Prices of Petrol and Diesel: लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। लोकसभा चुनाव की घोषणा नजदीक आते ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई। नई दरें शुक्रवार सुबह 6 बजे से लागू हो गयी है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें करीब दो साल से स्थिर बनी हुई थीं। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि आम चुनाव की तारीखों की घोषणा नजदीक आ रही है।

संभावना है कि चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। इस कटौती के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर होगी, जो अभी 96.72 रुपये प्रति लीटर है। वहीं डीजल 87.62 रुपये में मिलेगा, जो अभी 89.62 रुपये प्रति लीटर है। सरकार ने करीब एक दशक पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया था और पेट्रोलियम कंपनियां कीमतें तय कर रही थीं।

 सोशल मीडिया पर कीमत में कटौती की घोषणा की

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए कीमत में कटौती की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि सुविधा हमेशा उनका लक्ष्य होती है।

नई कीमतें सुबह 6 बजे से लागू हुई Decreased Prices of Petrol and Diesel

इससे एक सप्ताह पहले घरेलू रसोई गैस एलपीजी की कीमत में प्रति सिलेंडर 100 रुपये की कटौती की घोषणा की गई थी। उस कटौती के साथ, आम उपयोगकर्ताओं के लिए एलपीजी दरें घटकर 803 रुपये प्रति सिलेंडर हो गईं, जबकि उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन पाने वाले गरीबों के लिए सिलेंडर की कीमत 503 रुपये हो गई। पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा, “पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सूचित किया है कि उन्होंने देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया है। नई कीमतें 15 मार्च 2024 सुबह 6 बजे से लागू हुई।

 दिल्ली में सबसे कम कीमते Decreased Prices of Petrol and Diesel

शुक्रवार से स्थानीय करों के प्रभाव के आधार पर अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की दरें अलग-अलग होती हैं। स्थानीय बिक्री कर (वैट) भाजपा-शासित महाराष्ट्र के महानगरों में सबसे अधिक जबकि दिल्ली में सबसे कम है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से नागरिकों को अधिक खर्च करने योग्य आय मिलेगी, पर्यटन और यात्रा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण होगा और परिवहन पर निर्भर व्यवसायों द्वारा खर्च कम होगा। इसके अलावा किसानों का ट्रैक्टर संचालन और पंप सेट पर होने वाला खर्च भी कम हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतें अस्थिर रही हैं। दो साल पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गईं। हालांकि, बाद में तेल की कीमतें कम हो गईं लेकिन दो साल तक पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

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