Dera chief राम रहीम फिर आए जेल से बाहर , पहुंचे सिरसा डेरा
Dera chief राम रहीम फिर जेल से बाहर आया और सिरसा डेरा पहुंचा। इस बार उसे 30 दिन की पैरोल मिली है। सुबह 6:36 बजे गुरमीत जेल से निकला और सिरसा स्थित डेरा के लिए रवाना हुआ। 2017 में सजा सुनाए जाने के बाद यह पहला मौका है जब गुरमीत को सिरसा डेरा जाने की इजाजत दी गई है।
बीजेपी सरकार पर आरोप
कई आलोचकों का आरोप है कि बाबा राम रहीम को हर चुनाव से पहले पैरोल दी जाती है। इसका मकसद अपने अनुयायियों के वोट बीजेपी के पक्ष में लाना बताया जाता है। दिल्ली चुनाव से पहले एक बार फिर Dera chief को पैरोल दी गई है। गौरतलब है कि 2017 से अब तक राम रहीम को 12 बार जेल से बाहर आने का मौका मिल चुका है।
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Dera chief कड़ी सुरक्षा के बीच आए जेल से बाहर
Dera chief बाबा राम रहीम को कड़ी सुरक्षा के बीच सुनारिया जेल से बाहर लाया गया। उसे लेने के लिए दो गाड़ियां आई थीं। पहली गाड़ी (एचआर 24 एसी 00017) में राम रहीम, हनीप्रीत और ड्राइवर मौजूद थे। दूसरी गाड़ी (एचआर 72 जी 0017) में वजीर, ड्राइवर अभिजीत, नवीन, प्रीतम और हर्ष अरोड़ा समेत अन्य सहयोगी सवार थे।
गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से दु*ष्कर्म और दो ह*त्याओं के मामलों में दोषी ठहराया गया था। इन मामलों में उसे 20 साल की सजा सुनाई गई थी।
पैरोल का विवादित मुद्दा
सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम को मिली पैरोल अक्सर विवादों में रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में भारत में पैरोल पाने वाले कैदियों का औसत 2% था। इसके उलट राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
राजनीतिक समीकरण और राम रहीम
बाबा राम रहीम के लाखों अनुयायी हैं। हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में उनका प्रभाव काफी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके पैरोल की टाइमिंग चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकती है। Ram Rahim की पैरोल और चुनावों के बीच तालमेल पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, सिरसा डेरे में उनकी मौजूदगी उनके अनुयायियों के लिए अहम मानी जा रही है। राजनीतिक तौर पर यह कदम कितना कारगर साबित होगा, यह तो भविष्य की परिस्थितियां ही बताएंगी।