IMA का हरियाणा में आयुष्मान योजना पर इलाज बंद करने का ऐलान
IMA ने हरियाणा ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद करने का फैसला लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और हरियाणा सरकार के बीच लंबी बातचीत हुई थी, लेकिन इसके बावजूद देर रात निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज रोकने का ऐलान कर दिया।
क्यों लिया IMA ने ये फैसला?
IMA हरियाणा का कहना है कि सरकार पर करीब 400 करोड़ रुपए की बकाया राशि है, जिसका अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। सरकार के साथ बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने मुद्दों को उठाया था, लेकिन संतोषजनक हल न मिलने के कारण निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज से हाथ खींचने का फैसला किया।
400 करोड़ का बकाया और अस्पतालों की नाराजगी
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, हरियाणा सरकार पिछले कई महीनों से अस्पतालों का बकाया भुगतान नहीं कर रही है। इस वजह से निजी अस्पतालों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेशन, दवाएं, स्टाफ सैलरी और अन्य खर्चों को मैनेज करना मुश्किल हो गया है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का आरोप है कि अस्पतालों को सरकार से समय पर क्लेम का भुगतान नहीं मिल रहा, जिससे वे योजना के तहत मुफ्त इलाज जारी रखने में असमर्थ हो रहे हैं।
क्या होगा मरीजों का भविष्य?
मेडिकल एसोसिएशन के इस फैसले से आयुष्मान योजना के तहत इलाज करवा रहे हजारों मरीजों को परेशानी हो सकती है। खासकर गरीब और वंचित वर्ग, जो इस योजना के तहत मुफ्त इलाज करवाने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों पर निर्भर हैं, उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया क्या है?
हरियाणा सरकार का कहना है कि वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मांगों को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द से जल्द समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक बकाया भुगतान के लिए कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है।
आगे क्या?
अगर सरकार जल्द ही कोई समाधान नहीं निकालती है, तो आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज पूरी तरह से ठप पड़ सकता है। इससे हजारों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा और योजना का उद्देश्य ही विफल हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच कोई नया समझौता होता है या फिर मरीजों को सरकारी अस्पतालों तक ही सीमित रहना पड़ेगा।