India Successfully Tests Agni-5 Missile: भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया
India Successfully Tests Agni-5 Missile: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम मिशन दिव्यास्त्र के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि, “मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण सफल रहा है, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर हमे बहुत गर्व है।”
2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। फिर इसने 5500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को नष्ट कर दिया। इस मिसाइल को DRDO और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को डर है कि उनका पूरा इलाका इस मिसाइल की जद में आ रहा है।
अग्नि-5 मिसाइल India Successfully Tests Agni-5 Missile
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
अग्नि-5 मिसाइल (अग्नि-V) का वजन 50 हजार किलोग्राम है। यह 17.5 मीटर लंबा है। इसका व्यास 2 मीटर यानि 6.7 फीट है। इस पर 1500 किलोग्राम वजन का परमाणु हथियार लगाया जा सकता है। इस मिसाइल में तीन चरण वाले रॉकेट बूस्टर हैं जो ठोस ईंधन पर उड़ते हैं। इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। यानी यह एक सेकंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है। अग्नि-5 मिसाइल (अग्नि-V) 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दुश्मन पर हमला करती है। यह रिंग लेजर जायरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम से लैस है। अग्नि-5 मिसाइल लक्ष्य पर सटीकता से हमला करती है, अगर लक्ष्य अपनी जगह से 10 से 80 मीटर भी दूर चला जाए तो उससे बचना मुश्किल होता है।
2007 में पहली बार बनी थी मिसाइल की योजना
वैज्ञानिक एम. नटराजन ने सबसे पहले 2007 में इस मिसाइल की योजना बनाई थी। अग्नि-5 मिसाइल (अग्नि-वी) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे ट्रक पर लादकर किसी भी स्थान पर ले जाया जा सकता है। 50 हजार किलोग्राम वजनी अग्नि-5 मिसाइल को 200 ग्राम नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणाली द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसे इसी मिसाइल पर लगाया गया है। इसे सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) आधारित ऑन-बोर्ड कंप्यूटर कहा जाता है। MIRV तकनीक का मतलब है कि मिसाइल की नाक पर दो से 10 हथियार लगाए जा सकते हैं। यानी एक ही मिसाइल कई सौ किलोमीटर तक फैले 2 से 10 अलग-अलग लक्ष्यों पर एक साथ हमला कर सकती है।
कई बार सफर परीक्षण हो चुके India Successfully Tests Agni-5 Missile
अग्नि-5 मिसाइल (अग्नि-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। इसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और को सफल परीक्षण किए गए। 10 दिसंबर 2018 अग्नि-5 मिसाइल के आधा दर्जन से ज्यादा सफल परीक्षण हो चुके हैं। इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर परखा गया। जिसमें खुलासा हुआ कि यह मिसाइल दुश्मन को तबाह करने के लिए एक बेहतरीन हथियार है।
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