Municipal Elections का हरियाणा में कल होगा ऐलान
हरियाणा में municipal elections को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। हरियाणा चुनाव आयोग ने कल एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। संभावना है कि राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह कल आधिकारिक रूप से चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। इस बार हरियाणा में 8 नगर निगम और 32 नगर पालिकाओं में चुनाव होने हैं। चुनावी प्रक्रिया को लेकर आयोग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस घोषणा के बाद राज्य में आचार संहिता लागू हो सकती है।
Municipal Elections किन शहरों में होंगे ?
अंबाला
यमुनानगर
पंचकूला
करनाल
पानीपत
सोनीपत
रोहतक
हिसार
इसके अलावा 32 नगर पालिकाओं में भी चुनाव कराए जाएंगे। इन चुनावों में लाखों मतदाता अपने जनप्रतिनिधियों का चयन करेंगे।
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चुनाव प्रक्रिया और संभावित कार्यक्रम
हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है।
- चुनाव अधिसूचना: संभावित रूप से फरवरी के दूसरे सप्ताह में जारी हो सकती है।
नामांकन प्रक्रिया: अधिसूचना जारी होने के बाद शुरू होगी।
मतदान की संभावित तारीख: मार्च 2025 में हो सकता है मतदान।
मतगणना और नतीजे: मतदान के कुछ दिनों बाद घोषित किए जाएंगे।
चुनाव में किसका रहेगा दबदबा?
हरियाणा के municipal elections में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। पिछले निकाय चुनावों में भाजपा ने कई नगर निगमों में जीत दर्ज की थी। इस बार भी भाजपा सत्ता बरकरार रखना चाहेगी, जबकि विपक्षी दल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही। ऐसे में वो मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक सकते हैं। इसके आलावा अन्य दल भी इन चुनावों में अपना दमख़म दिखाएंगे
आयोग की तैयारियां और सुरक्षा व्यवस्था
राज्य चुनाव आयोग चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।
- ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।
मतदान केंद्रों पर CCTV कैमरे और सशस्त्र बलों की तैनाती होगी।
आयोग ने प्रशासन को अवैध धन और शराब के वितरण पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा के मतदाताओं के लिए अहम चुनाव
हरियाणा में municipal elections विकास कार्यों और स्थानीय प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। नगर निगम और नगर पालिका के चुनाव से जनता अपने क्षेत्र के विकास कार्यों में भागीदार बनती है। इस चुनाव के नतीजे आगामी राजनीतिक समीकरण तय कर सकते हैं। इसलिए सभी दल पूरी ताकत से प्रचार में जुटेंगे।