70 से 80 साल पुरानी सरकारी स्कूल की इमारतों में पढ़ते हैं बच्चे: डॉ. संदीप पाठक

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आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन)  और राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने हरियाणा में जर्जर होते स्कूलों और बद्तर शिक्षा व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार के लिए बच्चों की पढ़ाई लिखाई जरूरी नहीं है। प्रदेश में पिछले छह साल में 400 के लगभग सरकारी स्कूल कम होना इस बात की तरफ संकेत दे रहे हैं, वहीं प्राइवेट स्कूलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। खट्टर सरकार प्राइवेट स्कूलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि 2019 से अब तक 394 सरकारी स्कूल घटे हैं, वहीं  इस अवधि में 1,687 प्राइवेट स्कूल नए खुले हैं। इससे पता चाहता है कि हरियाणा के स्कूलों में शिक्षा गरीब परिवारों के बच्चों की पहुंच से बाहर हो गई है। वहीं स्कूलों की जर्जर इमारतों में बच्चे जान जाने की परवाह किए पढ़ने को मजबूर हैं। हालात इतने खराब हैं कि पूरे प्रदेश में अधिकतर स्कूलों की इमारतें 70 से 80 साल पुरानी हैं और उनमें बैठकर बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के 236 स्कूलों में बिजली का कनेक्शन नहीं, 1500 से ज्यादा में शौचालयों की कमी, 131 स्कूलों में पीने का पानी नहीं है। खट्टर सरकार ने शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार करके रख दिया है। स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते हाल में ही हाईकोर्ट की तरफ से खट्टर सरकार को 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। हालात इतने खराब है कि 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए एक भी शौचालय नहीं बनवाया। 1047 स्कूलों में तो लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। सरकारी स्कूलों में  छात्रों के लिए 8240 क्लासरूम की जरूरत है।

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