फर्जी महिला चिकित्सक की अग्रिम जमानत रद्द। पुलिस गिरफ्त से दूर, सोशल मीडिया पर सक्रिय।
अंकित मंगला,तावडू।
नगर के नूंह मार्ग बुराका-पचगांव बाईपास पर स्थित तसलीमा क्लीनिक की संचालिका की अग्रिम जमानत की गुहार अदालत ने रद्द कर दी है।हालांकि अभी भी वह पुलिस की गिरफ्त से बाहर है,लेकिन सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर सक्रिय दिख रही है।
केस की पैरवी करने वाले अधिवक्ता हाशिम ने बताया कि तावडू नगर के बुराका-पचगांव बाईपास पर स्थित तसलीमा क्लिनिक के विरुद्ध एक शिकायत मिलने पर बीते 21 मार्च को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की थी।स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक क्लीनिक में अवैध प्रसव केंद्र संचालित था।जिसमें फर्जी चिकित्सक द्वारा महिलाओं का प्रसव की सूचनाएं मिली थी।इससे पहले गत जनवरी माह में भी स्वास्थ्य विभाग ने इसी क्लीनिक में छापेमारी कर दो कक्षों को सील किया था।लेकिन दोबारा शिकायत मिली तो स्वास्थ्य विभाग टीम ने मामले में गंभीरता दिखाई। 21 मार्च को फिर छापेमारी की गई।सभी कक्षों की सील टूटी हुई मिली।इसके अलावा वर्ष 2019 में भी इसी क्लीनिक जुड़ी संचालिका द्वारा संचालित अवैध प्रसव केंद में छापेमारी की थी।खामियां मिलने पर संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था।अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने क्लिनिक की फर्जी चिकित्सक द्वारा लोगों के स्वास्थ्य के साथ किए गए खिलवाड़ को ध्यान में रखते हुए गंभीरता से लिया।अदालत ने माना कि आरोपी एक आदतन अपराध करने वाली है।उन्होंने बताया कि बीते 21 मार्च को मुकदमे दर्ज होने के बाद आरोपी महिला ने अदालत में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी।सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार की अदालत ने सभी गंभीर तथ्यों को और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अग्रिम जमानत की अर्जी को रद्द कर दिया।अब आरोपी पक्ष को अदालत के समक्ष पेश होना ही पड़ेगा।
बता दे की 21 मार्च के बाद आरोपी महिला संचालीका अभी तक फरार है।पुलिस उसकी तलाश कर रही है। हालांकि वह सोशल मीडिया पेज पर लगातार पोस्ट कर रही है,लेकिन पुलिस को चकमा देने में कामयाब है। उपरोक्त क्लिनिक संचालिका का विवादों से गहरा नाता रहा है।इसके खिलाफ पूर्व में करीब तीन मुकदमे दर्ज हैं।सबसे पहले नगर के लखपत चौक पर इनके क्लीनिक की शुरुआत हुई।जिसके संबंध में शिकायत मिलने पर नाम बदलकर मदीना क्लिनिक चलाया गया। फिर उसको लेकर भी कुछ शिकायतें स्वास्थ्य में पहुंची।जिनके आधार पर पुलिस कार्रवाई हुई।फिर नगर के बाईपास पर तसलीमा क्लीनिक के नाम से शुरुआत हुई।लेकिन विवादों से नाता जारी रहा।बीते जनवरी माह में एक शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी कर क्लीनिक के दो कक्षों को पूरी तरह सील कर दिया।पुलिस ने केस दर्ज करते हुए आरोपी क्लिनिक संचालीका तसलीमा को गिरफ्तार कर लिया,लेकिन कुछ दिनों बाद जमानत मिलने के बाद कोर्ट और स्वास्थ्य विभाग के नियमों को धता बताते हुए सील अस्पताल में उपचार शुरू कर दिया।लोगों का कहना है कि सील अस्पताल को दोबारा से चलने को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई।बीते 18 मार्च को एक जच्चा बच्चा की मृत्यु की बात सामने आई।जब पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं हुई तो मीडिया के माध्यम से मामले का खुलासा हुआ तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निरीक्षण कर पूरे क्लिनिक को ही सील कर दिया। शहर थाने में एक और मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी पक्ष की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई गई,लेकिन रद्द कर दिया गया।