प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेगी नई पहचान : उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से लाखों कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेगी नई पहचान : उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया


जागरूकता लाने को लेकर 10 फरवरी को स्काई लार्क पर्यटन केंद्र में होगा जिला स्तरीय सरपंचों व सचिवों का सम्मेलन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से होंगे रोजग़ार के नये अवसर सर्जित
कारीगरों और शिल्पकारों को आत्म निर्भर बनाने के लिए पंद्रह दिन का दिया जायेगा प्रशिक्षण।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से ग्रामीण कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने मजबूत पहल की है। इस योजना के माध्यम से हाथ से औज़ारों का उपयोग करके काम करने वाले लाखों कारीगरों और शिल्पकारों की नई पहचान मिलेगी। रोजग़ार के नये अवसर सर्जित होंगे। यह बात उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बुधवार को जिला कार्यालय में सभी खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों व एमएसएमई के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए कही। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये की इस योजना के संदर्भ में सभी गांवों में मनादी कराना सुनिश्चित करें व कारीगरों और शिल्पकारों को इस योजना के प्रति जागरूक करें। इस योजना का लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा।


उपायुक्त ने बताया कि योजना के संदर्भ में 10 फरवरी को स्काई लार्क पर्यटन केंद्र में जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में जिले के सभी सरपंच, ग्राम सचिव व सीएससी संचालकों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में जागरूक किया जायेगा।
उपायुक्त ने बताया कि इस महत्वकांक्षी योजना के साथ जुडऩे वाले कारीगरों और शिल्पकारों को सर्व प्रथम सीएससी पर जाकर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है। विभाग इस योजना से जुडऩे वाले कारीगरों और शिल्पकारों को आत्म निर्भर बनाने के लिए पंद्रह दिन का प्रशिक्षण भी उपलब्ध करायेगा। यह प्रशिक्षण दो अलग- अलग चरणों में होगा। प्रशिक्षण के पश्चात कारीगरों और शिल्पकारों को 15 हजार रुपये की किट भी उपलब्ध कराई जायेगी ताकि वे अपने रोजग़ार को स्थापित कर सके व आत्म निर्भर बन सकें। योजना के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के साथ जुडकऱ बढई, लोहार, हथोड़ा टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले लाभ ले सकते हैं। सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची,राज मिस्त्री,टोकरी,चटाई बुनकर, गुडिय़ा खिलौना निर्माता, नाई, माला निर्माता,धोबी, दर्जी मछली पकडऩे का जाल बनाने वाले इसका लाभ ले सकते हैं। इस मौके पर एसडीएम समालखा अमीत कुमार, सीटीएम टीनू पोशवाल, तहसीलदार अजय सैनी, कैलाश, सौरभ शर्मा, एमएसएमई करनाल शाखा के सहायक निदेशक सतपाल,डीडीपीओ सुमित चौधरी के बीडीपीओ सुरेंद्र खत्री, नीतिन यादव्र शक्ति सिंह, विवेक आदि मौजूद रहे।

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