
सांसद कुमारी सैलजा ने एक बार फिर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने विदेश मंत्रालय से मिले जबाब पर असंतुष्टि जताई है जिसमें मंत्रालय ने बताया कि देशभर में अवैध ट्रैवल एजेंट की संख्या लगभग 3,281 है। वो बोली , ये आकड़ा उचित नहीं है।
अवैध ट्रैवल एजेंट झूठ से कर रहे है यवाओं से ठगी
अवैध ट्रैवल एजेंट पर शैलजा ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अवैध ट्रैवल एजेंट युवाओं को झूठ बोलकर ठगी कर रहे है। विदेश जाने की चाह में आकर वे अपना घर, जमीन और दुकानें ऊंची कीमतों पर बेच देते है। जिससे उनका जीवन बर्बाद हो जाता है। डंकी रुट से गए युवाओं को विदेशों से हथकड़ी लगाकर वापिस भेज रहे है।
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सैलजा ने एजेंटों की सख्या पर उठाए सवाल
कुमारी सैलजा ने कहा, जब 2020 में भारत में 2. 5 लाख से अधिक छोटे और बड़े एजेंट काम कर रहे थे, तो केवल 3,281 ट्रैवल एजेंट ही अवैध पाए गए। यह समझ से परे है। उन्होंने कहा अकेले पंजाब में ही अवैध एजेंटो की इतनी सख्या होगी। हरियाणा, पंजाब और यूपी और बिहार में यह व्यापार पूरी तरह फैल चुका है।
सरकारें तब कुआं खोदतीं जब लगती आ*ग
सैलजा ने सरकार की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार अगर इस मामले में सख़्ती दिखती तो कई परिवार लूटने से बच सकते थे। दुर्भाग्य से, सरकारें तभी कार्रवाई करती हैं, जब परिस्थितियाँ बिगड़ती हैं।उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ और स्थानीय प्रशासन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की सहायता से अनधिकृत व्यक्तियों की पहचान कर सकते हैं, बशर्ते कि सरकारें ये काम नेक नियत से करे।
ई-माइग्रेट पोर्टल कितना प्रभावी ?
मंत्रालय ई-माइग्रेट पोर्टल के माध्यम से लोगों को नकली एजेंटों के खिलाफ जागरूक करने के दावे कर रहा है। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और बैठकों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है। सैलजा ने कहा ऐसे में सवाल उठता है ,जब इतने प्रयास किए जा रहे है , तो ये अवैध एजेंट कैसे फ़ल फूल रहे है।
आंकड़ों के बजाय सख्त कार्रवाई पर जोर
कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार केवल आकड़ो को पेश कर रही है। मगर सरकार जमीनी हकीकत पर कुछ नहीं। सरकार को कुछ करने की जरूरत है। केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर इन एजेंटों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।