
6 अप्रैल, चंडीगढ़। सरकारी नौकरी पाने की उम्मीद में सरकार ने अभी तक परीक्षा की तारीख घोषित नहीं की है और न ही CET आयोजित करने वाली एजेंसी की पहचान की है, जिसके लिए हरियाणा के लाखों युवा अभी भी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। सिरसा से सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य कुमारी शैलजा ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार जमीनी स्तर पर काम किए बिना युवाओं से केवल व्यर्थ के वादे कर रही है।
CET को लेकर सरकार की टालमटोल युवा खफ़ा
CET को लेकर हरियाणा सरकार ने साल 2021 में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी सिविल सेवा पदों के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा घोषित किया था। पहले चरण में परीक्षा का सफ़ल आयोजन हुआ। मगर इसके बाद आज तक अगली परीक्षा हो ही नहीं पाई। एक मीडिया ब्रीफिंग में, कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने कहा कि सीईटी पंजीकरण वार्षिक नहीं होगा, बल्कि इसके लिए एक “वन-टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल” बनाया जाएगा; लेकिन फिर भी, इस पोर्टल को अभी तक पूरी तरह से शुरू नहीं किया गया है।
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भर्ती के नाम पर युवाओं को मिला आश्वासन
कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने कहा था कि सीईटी पास करने वाले युवाओं को एक साल के भीतर नौकरी नहीं मिलने पर 9000 रुपये मासिक वजीफा भी मिलेगा। फिर भी, 2024-25 में इस परियोजना के लिए कोई धनराशि बजट में नहीं रखी गई, इसलिए यह कथन बेमानी है।कुमारी शैलजा ने पूछा कि अगर सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को सीईटी आयोजित करने की अनुमति दी है, तो अभी तक परीक्षा क्यों नहीं हुई? क्या सरकार केवल चुनावी लाभ के लिए युवाओं को खोखले वादों में फंसा रही है?
युवाओं का धैर्य कब खत्म होगा?
अभी स्थिति यह है कि लाखों आवेदक सीईटी तिथि का इंतजार कर रहे हैं, जबकि हजारों युवा सीईटी पास कर नौकरी की तलाश कर रहे हैं। हालांकि युवाओं को लगता है कि सीईटी पास करने से सरकारी नौकरी की संभावनाएं मिलेंगी, लेकिन सरकार की उदासीनता इस भरोसे को खत्म करने लगी है।
सरकार की अनदेखी ने साफ दिखा दिया है कि युवाओं को सिर्फ चुनावी आश्वासनों के साधन के रूप में देखा जाता है। यदि परीक्षा की तिथि शीघ्र ही ज्ञात नहीं होती है तो भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू न करना अगली पीढ़ी के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा।
निष्कर्ष: हरियाणा में युवा CET परीक्षा को लेकर मानसिक रूप से परेशान हैं क्योंकि मौजूदा अनिश्चितता के कारण ऐसा हुआ है। सरकार को बिना देरी किए एक स्पष्ट योजना प्रदान करनी चाहिए ताकि युवाओं को अपने करियर की दिशा तय करने का मौका मिल सके।