
लिं*ग परीक्षण समेत जघन्य अपराधों के लिए तैयार हरियाणा सरकार ने स्पष्ट कार्रवाई की है। राज्य में गुप्त रूप से चल रहे इस अवैध कारोबार को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्वास्थ्य विभाग के सुझाव पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शत्रुजीत कपूर ने भी तैयारी कर ली है।
लिं*ग परीक्षण के ख़िलाफ़ बढ़ी सरकार की सख्ती
Gender testing. के ख़िलाफ़ हरियाणा में सरकार ने सख़्ती बढ़ा दी है। इसके लिए अब हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक अलग पुलिस सेल बनाई जाएगी। इस सेल का नेतृत्व डीएसपी रैंक का अधिकारी करेगा और छापेमारी, एफआईआर दर्ज करने और लिंग परीक्षण नेटवर्क का खुलासा करने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना उनका काम होगा।
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फर्जी ग्राहक भेज होगी कार्यवाही
- सरकार विशेष टीमों को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है।
- नकली ग्राहक बनाकर अवैध लिंग परीक्षण करने वालों तक पहुंच बनाई जाएगी।
- टीम को **कानूनी और तकनीकी पहलुओं** पर भी निर्देश दिए जाएंगे ताकि कार्य दक्षता बढ़े।
राज्य टास्क फोर्स की बैठक में लिया गया निर्णय
- बैठक राज्य टास्क फोर्स के एसीएस सुधीर राजपाल के कार्यालय में हुई।
- इसमें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
- स्वास्थ्य विभाग ने कहा, “छापेमारी के लिए हमें जिला पुलिस पर निर्भर रहना पड़ता है, जो कई बार कठिन होता है।”
एमटीपी के लिए अब अल्ट्रासाउंड होगा जरूरी , जांच दोगुनी होगी।
- एमटीपी के लिए 12 सप्ताह के भीतर अल्ट्रासाउंड कराना अनिवार्य होगा।
- हर रिपोर्ट की पहले जिला स्तर पर जांच की जाएगी।
- फिर रिपोर्ट की मुख्यालय स्तर पर समीक्षा होगी।
- उद्देश्य: लिंग निर्धारण की आड़ में भ्रूण हत्या पर रोक लगाना।
निष्कर्ष :
नियमों को सख्त करना हरियाणा सरकार की सामाजिक बदलाव की अहम पहल है। जब तक बेटियों को जन्म से पहले रोका जाएगा, तब तक “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” सिर्फ नारा ही रहेगा। उम्मीद है नई कार्य योजना से कन्या भ्रूण ह*त्या और लिं*ग चयन के मामलों में स्पष्ट कमी आएगी।