
हरियाणा की कृषि में इस समय फसलें ही नहीं, बल्कि किसानों के अरमान भी डूब रहे हैं। कहीं तेज आंधी ने खड़ी फसल को जला दिया तो कहीं भारी बारिश ने गेहूं की बोरियों को भिगो दिया। किसानों की पीड़ा को उठाते करते हुए पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सबके बीच सरकार पर कड़ा प्रहार किया है।
पूर्व CM हुड्डा बोले , मंडी नहीं मुसीबत
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के अनुसार हालात ऐसे हैं कि कृषि उपज के लिए जगह नहीं है। हालांकि सरकार ने पर्याप्त बारदाना या तिरपाल नहीं दिया है या तेजी से उठान की व्यवस्था नहीं की है, लेकिन मंडियां गेहूं से अटी पड़ी हैं। उन्होंने साफ कहा, “किसान की मेहनत सड़कों पर बिखरी पड़ी है, सरकार आंखें मूंदकर बैठी है।
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9 लाख टन गेहूं का उठान , बाकी गेहूं भीग गया”
हुड्डा ने आंकड़ों के जरिए सरकार की पोल खोली कि अब तक सिर्फ 9 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि इससे करीब चार गुना ज्यादा गेहूं अभी भी मंडियों और सड़कों पर पड़ा है। प्राकृतिक आपदाओं से पहले ही काफी नुकसान हो चुका है, अब अनदेखी ने इसे और बढ़ा दिया है।
किसानों के साथ तोल में धोखाधड़ी
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भूपेंद्र हुड्डा ने फसल तौल में गड़बड़ी का आरोप लगाया।
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कहा, कुछ कमीशन एजेंट और कंपनियां वजन बदल रही हैं।
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“पहले नुकसान, फिर धोखाधड़ी – किसान कब तक सहे?”
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प्रदेशभर से मिल रही हैं ऐसी शिकायतें।
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सरकार की चुप्पी पर उठाया सवाल।
खेत में आग , ऊपर से आफत
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तूफान के बाद कई इलाकों में आग की घटनाएं सामने आईं।
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सैकड़ों एकड़ फसलें जलकर राख हो गईं।
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किसानों की हिम्मत और जेब दोनों खाली हुईं।
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हुड्डा बोले – यह सरकारी उदासीनता और भयानक आपदा का नतीजा है।
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कहा – यह आपदा जैविक नहीं, कुछ और संकेत देती है।
सरकार करे मुआवजा घोषित
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हुड्डा ने किसानों को तुरंत राहत और मुआवजा देने की मांग की।
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कहा, समय पर उठान और खरीद होती तो फसल बच जाती।
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सरकार की लापरवाही से सैकड़ों टन फसल बर्बाद हुई।