
किसान आंदोलन से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। जगजीत सिंह डल्लेवाल की 131 दिन पुरानी भूख हड़ताल समाप्त हो गई है। उन्होंने यह घोषणा किसानों की महपंचायत में की है। इस महापंचायत में काफ़ी सख्या में किसानों ने भाग लिया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपील के एक दिन बाद ही डल्लेवाल ने भूख हड़ताल समाप्त की है।
पूरा मामला क्या था?
कई मांगों को लेकर किसान नेता डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 को खुली भूख हड़ताल शुरू की थी। इनमें बिजली कानून, प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी (MSP) पर कानून बनाने जैसे मामले शामिल है। पूरी लड़ाई और 131 दिन की भूख हड़ताल के बाद भी सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया। किसान समूहों का कहना है कि सरकार केवल बातचीत का दिखावा कर रही थी ।
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डल्लेवाल के गंभीर आरोप ?
डल्लेवाल ने भूख हड़ताल खत्म करने की घोषणा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी कड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार को बचाने के लिए उनकी भूख हड़ताल खत्म की गई है। इससे किसानों के साथ धोखा हो रहा है। आंदोलन की ऊर्जा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी ने खुद को किसानों के अधिकारों की सबसे बड़ी पैरोकार के रूप में पेश किया है, ऐसे में यह टिप्पणी राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा सकती है।
4 मई को होगी बैठक
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने यह भी कहा कि 4 मई 2025 को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में किसान संगठनों की मुख्य जरूरतों पर चर्चा होगी। फिर भी देखना यह है कि इस बार सरकार कितनी गंभीर होगी।
किसानों की आवाज रहेगी बुलंद
भूख हड़ताल खत्म करने का मतलब यह नहीं है कि किसान पीछे हट गए हैं। दल्लेवाल ने साफ कहा कि अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है तो आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने कहा, हम शांत हैं, लेकिन नपुंसक नहीं। “अगर किसानों को उनके अधिकार नहीं दिए गए तो वे फिर से सड़कों पर उतर आएंगे।
—निष्कर्ष:
भले ही 131 दिन की भूख हड़ताल खत्म हो गई है, लेकिन किसानों की मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। अब सरकार और किसानों के बीच अंतिम बैठक होने वाली है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बैठक से कोई जवाब मिलता है या कोई नई लड़ाई शुरू होती है।