
हरियाणा की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। यह मुद्दा निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा का है। समस्या यह है कि 8 और 9 अप्रैल 2025 को होने वाले सक्रिय सदस्यता सम्मेलन में नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से वक्ताओं में भाजपा ने कार्तिकेय शर्मा का नाम भी शामिल किया है। फिर भी, मुद्दा यह है कि एक निर्दलीय सांसद-जो किसी राजनीतिक दल से आधिकारिक रूप से जुड़ा नहीं है। भाजपा के संगठनात्मक कार्यक्रम में कैसे भाग ले सकता है।
भाजपा की संगठनात्मक कार्यक्रम पर उठे सवाल
भाजपा की 8 और 9 अप्रैल को नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय सदस्यता सम्मेलन होने जा रहा है।
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8 और 9 अप्रैल को भाजपा का सक्रिय सदस्यता सम्मेलन नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आयोजित होने जा रहा है।
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इस कार्यक्रम में राज्यसभा के निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा को भी BJP के आधिकारिक वक्ता के तौर पर शामिल किया गया है।
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लेकिन उनकी भागीदारी पर सवाल उठने लगे हैं।
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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने यह मुद्दा उठाया है कि –
“एक निर्दलीय सांसद जो किसी राजनीतिक दल से औपचारिक रूप से जुड़ा नहीं है, वह भाजपा के संगठनात्मक कार्यक्रम में कैसे भाग ले सकता है?“
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यह सवाल दलबदल विरोधी कानून और संवैधानिक मर्यादाओं के संदर्भ में काफी अहम माना जा रहा है।
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क्या संविधान का उल्लंघन हुआ है?
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वरिष्ठ संवैधानिक कानून विशेषज्ञ व हाईकोर्ट अधिवक्ता हेमंत कुमार ने गंभीर सवाल उठाए हैं।
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उन्होंने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुच्छेद 2(2) के तहत निर्दलीय विधायक किसी दल में शामिल नहीं हो सकते।
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ऐसा करने पर उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।
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हेमंत कुमार ने पूछा—अगर कार्तिकेय शर्मा भाजपा में शामिल नहीं हुए, तो उन्हें भाजपा के सम्मेलन में आधिकारिक वक्ता कैसे बनाया गया?
क्या यह मामला दलबदल कानून के दायरे में आता है ?
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यह एक तकनीकी लेकिन अहम कानूनी मामला है।
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कार्तिकेय शर्मा ने भाजपा में खुले तौर पर शामिल होने की घोषणा नहीं की है।
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फिर भी भाजपा के संगठनात्मक कार्यों में उनकी भागीदारी दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन मानी जा सकती है।
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नवंबर 2024 में भाजपा ने उन्हें अंबाला का सदस्यता प्रबंधक नियुक्त किया था।
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उस समय भी सवाल उठे थे और उनके आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट हटा दी गई थी।
कार्तिकेय शर्मा भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची से क्यों है बाहर?
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एक दिलचस्प पहलू यह है कि कार्तिकेय शर्मा मोदी सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
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इसके बावजूद, उन्हें 2024 के लोकसभा या हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए
स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया गया। -
इससे यह संकेत मिलता है कि वे अब तक भाजपा के आधिकारिक सदस्य नहीं बने हैं।
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