
हिसार में एक बार फिर सनसनी फैल गई है। डिप्टी सिविल सर्जन और पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. प्रभु दयाल को राज्यपाल ने छुट्टी पर भेज दिया है। निजी न्यूज़ चैनल के स्टिंग में भ्रू*ण ह*त्या के गोरखधंधे का खुलासा होने के बाद यह कदम उठाया गया। String का नाम था ‘बेटियों की जान के सौदागर’ और इसने हरियाणा में हर तरफ हलचल मचा दी। हालांकि इसमें राजनीतिक तड़का भी है; लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। डॉ. प्रभु दयाल का ही लिंक हरियाणा के कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा से है।
स्टिंग ने हकीकत बयां की
स्टिंग में ने खुलासा किया था कि किस तरह भ्रू*ण ह*त्या को लेकर सौदेबाजी हो रही है। हिसार में पीएनडीटी (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक) के नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. प्रभु दयाल को इन अवैध ऑपरेशनों को रोकने में मदद करनी थी। फिर भी, स्टिंग में जो निष्कर्ष सामने आए, वे चौंकाने वाले थे। यह स्पष्ट था कि सिस्टम के अंदर कुछ लोग इस कुप्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। स्टिंग के फैलने के बाद हरियाणा सरकार पर दबाव बढ़ा और राज्यपाल ने आखिरकार डॉ. प्रभु दयाल को निलंबित करने का निर्देश दिया।
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गंगवा-डॉक्टर संबंध
अब मामला राजनीतिक होने लगा है। डॉ. प्रभु दयाल कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा के छोटे से गांव के साथ-साथ हिसार से भी आते हैं। सूत्रों की मानें तो रणबीर गंगवा ने ही डॉ. प्रभु दयाल को जींद से हिसार स्थानांतरित करवाया था। फिलहाल, यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सोच रहे हैं कि क्या मंत्री और डॉक्टर के बीच पहले से कोई सांठगांठ या साजिश थी। क्या इस तबादले के पीछे कोई अनोखी वजह थी? फिलहाल, इन सवालों के जवाब तो जांच के बाद ही सामने आएंगे, लेकिन यह पूरा मामला हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा रहा है।
बेटियों का सौदा”अस्तित्व के सूचकांक
हरियाणा लंबे समय से कन्या भ्रू*ण ह*त्या की समस्या से जूझ रहा है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसी पहल के बावजूद कुछ लोग अभी भी इस घृणित गतिविधि में लगे हुए हैं। “न्यूज़ चैनल के स्टिंग से पता चलता है कि व्यवस्था में अभी भी खामियां हैं और कुछ लोग अपने दायित्वों को पूरा करने के बजाय गलत रास्ते पर चल रहे हैं। डॉ. प्रभु दयाल पर इस सौदे को गिराने के खिलाफ समर्थन करने का आरोप है। जांच अभी भी जारी है, लेकिन उनके खिलाफ ठोस सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं।
अगला कदम?
डॉ. प्रभु दयाल के निलंबन के बाद हिसार में लोग दो फाड़ हो गए हैं। कुछ लोग तर्क देते हैं कि यह व्यवहार सही है और भ्रष्टाचार को बेरहमी से दंडित किया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक खेल भी कह रहे हैं। रणबीर गंगवा की चुप्पी भी सवालों को जन्म देती है। क्या वह इस विषय पर बात करेंगे? यह तो समय ही बताएगा कि यह महज दिखावा है या व्यवस्था को शुद्ध करने का प्रयास।