
इस खबर से भारतीय ग्राहक राहत की सांस ले सकते हैं। पिछले पांच सालों में दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसका सीधा असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले कुछ दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी देखने को मिल सकती है।
कच्चे तेल में आई बड़ी गिरावट:
कच्चे तेल की क़ीमत में पिछले पांच साल में कमी आई है। विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी गिरावट आई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई क्रूड में करीब 8% की गिरावट देखी गई। कोरोना काल के बाद इसे सबसे बड़ी गिरावट के तौर पर देखा जा रहा है। कीमतों में इस बदलाव के पीछे बढ़ती आपूर्ति और दुनियाभर में मांग में सुस्ती है।
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केंद्र सरकार ने राहत के संकेत दिए
केंद्र सरकार का पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी आने का संकेत सकारात्मक है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक बयान में कहा कि कच्चे तेल की कीमत स्थिर रहे या न रहे, तेल कंपनियों के पास लागत कम करने की पूरी संभावना है।
सस्ते पेट्रोल और डीजल की उम्मीदें बढ़ी
तेल कंपनियों के पास विकल्प:
IOC, BPCL और HPCL जैसे तेल विपणन कंपनियां फिलहाल अच्छे मार्जिन पर हैं।
कच्चे तेल की गिरती कीमतों से कंपनियों को राहत मिली है।
स्थिति बनी रही तो पेट्रोल-डीजल के दाम ₹3 से ₹5 प्रति लीटर तक घट सकते हैं।
तेल कंपनिया ले सकती है जल्द फैसला
आम नागरिक को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
डीजल और गैस की कीमतों में कमी से पूरी जनता को व्यक्तिगत रूप से मदद मिलेगी।
उनके फैसले से महंगाई पर असर पड़ेगा।
– परिवहन की लागत में कमी आएगी।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में स्थिरता आएगी।
घरेलू बजट पर दबाव कम होगा
निश्चित रूप से,
देश को ईंधन की कीमतों में पर्याप्त राहत मिल सकती है – अगर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का यह सिलसिला जारी रहता है। अब हर कोई उत्सुकता से सरकार और तेल व्यवसायों की अगली रिलीज़ का इंतज़ार कर रहा है।