
हरियाणा के लोगों, संपत्ति खरीदने या हस्तांतरित करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति के लिए एक शानदार खबर है! राज्य की नायब सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री शुल्क के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है, और यह आपके चेहरे पर मुस्कान लाने वाला है। सरल शब्दों में अंदरूनी जानकारी यहाँ दी गई है।
नायब सरकार ने ने क्यों लगाई रोक
नायब सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री की कलेक्टर दरों को संशोधित करने की प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है। जी हाँ, आपने सही सुना! इसका मतलब यह है कि आप अपनी संपत्तियों को पिछली दरों पर पंजीकृत कर सकते हैं, जिससे आपको कुछ ज़रूरी वित्तीय राहत मिलेगी। राजस्व विभाग ने पहले ही आदेश जारी कर दिए हैं, इसलिए यह अफवाह नहीं है।
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सभी जिलों में दिए निर्देश
सरकार द्वारा सभी जिलों को दिए गए नोटिस के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान अचल संपत्ति हस्तांतरण का रजिस्ट्री अगले निर्देश तक पुरानी कलेक्टर दरों का पालन करेगा। यह कदम जनता के हित में उठाया गया है ताकि आपको अभी अतिरिक्त राशि का भुगतान न करना पड़े। आम तौर पर, हर अप्रैल में नई कलेक्टर दरें लागू होती हैं, लेकिन इस साल सरकार ने इसे स्थिर रखने का फैसला किया है।
पुरानी दरों से क्या मिलता फ़ायदा
अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने या बढ़ती लागत के कारण संपत्ति हस्तांतरित करने का इंतजार कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए एक बड़ी सफलता है। पिछली दरों का पालन करने का मतलब है:
कम लागत : अभी रजिस्ट्री शुल्क में कोई वृद्धि नहीं हुई है, इसलिए आपके पास अधिक राशि बची रहेगी।
स्पष्टता: आप अचानक दर में बदलाव के डर के बिना अपनी संपत्ति हस्तांतरित करने का समय निर्धारित कर सकते हैं।
सभी के लिए आसानी: चाहे आप पहली बार खरीदार हों या अनुभवी निवेशक, यह निर्णय प्रक्रिया को आसान बनाता है।