
हरियाणा में नई तकनीक से अब भूमि मापन और सीमाकन का काम होगा । पहले से चले आ रहे सभी तरीको को छोड़कर अब हरियाणा में रोवर्स का उपयोग करके सीमांकन के आधार पर डिजिटल भूमि सर्वे को मंजूरी दी है। किसानों, संपत्ति खरीदने वालों और बेचने वालों तथा बैंकिंग क्षेत्र सहित राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए यह कदम महत्वपूर्ण होगा।
डिजिटल भूमि सर्वे के खरीदे उपकरण
डिजिटल भूमि सर्वे के लिए रियाणा सरकार ने 300 रोवर्स खरीदे हैं; ये अब भूमि मापन और डिजिटलीकरण का काम संभालेंगे। ये रोवर्स सीओआरएस तकनीक, ड्रोन सर्वेक्षण और सैटेलाइट तस्वीरों से सटीक डेटा एकत्र करने में सहायता करेंगे। इससे भूमि सीमांकन में किसी भी तरह की त्रुटि की संभावना समाप्त हो जाएगी।
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भूमि विवादों में कमी और रिकॉर्ड की सुरक्षा”
पहले भूमि मापन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पटवारी श्रृंखला में मैनुअल गलतियाँ होती थीं। रोवर्स सैटेलाइट डेटा के आधार पर हर भूमि का डिजिटल मानचित्र तैयार करेंगे। इस नई प्रणाली के तहत भूमि विवाद बहुत कम होंगे और रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की संभावना शून्य होगी।
हर नागरिक के लिए सुलभ और सत्यापित डिजिटल रिकॉर्ड
- हर नागरिक के पास होना चाहिए भरोसेमंद डिजिटल भूमि नक्शा।
- यह नक्शा ऑनलाइन सुलभ और सत्यापित होगा।
- सभी संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध होगा।
- सभी भू-नक्शे भूमि नक्शा पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
कानूनगो और पटवारियों का प्रशिक्षण
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23 अप्रैल से 17 मई तक पटवारियों और कानूनगो के लिए प्रशिक्षण।
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प्रशिक्षण में नई प्रणाली को लागू करने का अभ्यास किया जाएगा।
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यह कदम हरियाणा के बुद्धिमान भूमि प्रशासन की प्रगति को दिखाएगा।
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प्रशिक्षण डिजिटल प्रणाली की ओर हरियाणा की बढ़ती दिशा को उजागर करेगा।
सटीक और अचल डिजिटल भूमि प्रमाण
- सैटेलाइट और ड्रोन डेटा से मानचित्र होंगे सटीक और सुसंगत।
- भौतिक साक्ष्य में बदलाव होना होगा असंभव।
- डिजिटल प्रमाण विवादों का तत्काल समाधान करेंगे।
अगला चरण: 440 गाँवों का डिजिटल सीमांकन
परियोजना का पहला चरण, जिसमें 22 पायलट गाँवों में डिजिटल सीमांकन शामिल था, सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। अगले चरण में, 440 और गाँव जोड़े गए हैं। 2025-26 तक सरकार को उम्मीद है कि वह हर राज्य के भूमि खंडों का आधुनिकीकरण करेगी और उन्हें भू-नक्शा पोर्टल से जोड़ेगी
यह बदलाव क्यों? भूमि विवादों का तकनीकी समाधान”
हरियाणा ने भूमि संबंधी विवादों, लेन-देन में देरी और बिचौलियों के प्रभाव से काफी परेशानी देखी है। डिजिटल सीमांकन और रोवर-आधारित सर्वेक्षण इस मुद्दे का एक तकनीकी उत्तर प्रदान करते हैं जो न केवल सरकारी संचालन को बढ़ाएगा बल्कि नागरिकों को कानूनी अधिकार और उनकी भूमि का डिजिटल सत्यापन भी प्रदान करेगा।