
Haryana Government ने गानों में ह*थियार संस्कृति को बढ़ावा देने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले का सर्वखाप पंचायत ने समर्थन किया है। अखिल भारतीय देसवाल खाप के अध्यक्ष संजय देसवाल ने कहा कि हरियाणवी संगीत में हिंसा का महिमामंडन बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कई गानों में आपराधिक व्यवहार दिखाया जाता है। इससे युवा गलत दिशा में जा रहे हैं। उनका मानना है कि यह कदम समाज को सही राह पर ले जाएगा।
Haryana Government ने इसे समस्या माना ?
हरियाणा सरकार ने समस्या को समझकर अच्छा किया। गठवाला खाप के राष्ट्रीय महासचिव अशोक मलिक ने प्रशासन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि खाप पंचायतें समाज में अनुशासन बनाए रखने के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में सभी खापों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी। इस मौके पर प्रेम विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप पर चर्चा की गई। सांस्कृतिक गिरावट को रोकने का भी अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों को गंभीरता से लिया। इसके बाद उन्होंने हथियार संस्कृति का महिमामंडन करने वाले संगीत पर रोक लगाने का फैसला किया। यह कदम समाज की भलाई के लिए है।
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युवा हो रहे थे प्रभावित
हिंसा से युवाओं को नुकसान हो रहा है। हुड्डा खाप के प्रवक्ता जगवंत हुड्डा ने इस पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि युवा हिंसक गानों वाली रील बना रहे हैं। वे कम उम्र में ही बंदूक और अपराध की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इससे समुदाय के लिए खतरा पैदा हो सकता है, क्योंकि इससे अपराध बढ़ सकते हैं। 2023 की राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 18-30 आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसे में यह प्रतिबंध जरूरी था। लेकिन क्या युवा इस बदलाव को स्वीकार करेंगे?
सांस्कृतिक विरासत को बचाने की जरूरत
सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने की जरूरत है। सांस्कृतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणवी संगीत बदल रहा है। अब इस शैली में बंदूक, नशा और हिंसा की थीम हावी हो गई है। पहले यह संगीत लोक संस्कृति को दर्शाता था। अब यह विनाशकारी संदेश फैला रहा है। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि हिंसक संस्कृति अपराध दर में वृद्धि से जुड़ी है। इसलिए यह प्रतिबंध सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने में मदद कर सकता है। साथ ही, इससे सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन भी हो सकता है।
कलाकारों की अहम भूमिका
खाप नेता ओमप्रकाश नांदल ने कलाकारों से समाज की भलाई के लिए अपने काम को लगाने का आह्वान किया। सतगामा के प्रधान श्रीपाल और कुंडू खाप के जयवीर कुंडू ने उनका समर्थन किया। गठवाला खाप के चौधरी कुलदीप मलिक ने इसे समाज सुधार की दिशा में एक आंदोलन बताया। उनका मानना है कि यह प्रतिबंध युवा पीढ़ी को सही राह दिखाएगा। कलाकारों को इस बोझ को उठाने की जरूरत है।